Mutual Fund क्या होता है या Mutual Fund क्या है?

नमस्कार पाठकोंस्वागत है आपका हमारे ब्लॉग-पोस्ट पर. पाठकों इस पोस्ट में हम जानेंगें :


Mutual Fund क्या होता है या Mutual Fund क्या है?

1. Mutual Fund कितने प्रकार के होते हैं?
2.  Mutual Fund में निवेश कैसे कर सकते हैं?
3.  1 साल में Mutual Fund कितना रिटर्न देता है?
4.  Mutual Fund के फायदे क्या है?
5. कौन सा Mutual Fund सबसे अच्छा  है?
 6. Asset Management Companies (AMC) क्या हैं?



तो पाठकों में आशा करता हूँ की आप इस ब्लॉग को रुचिपूर्वक पढ़ेंगें और अधिक से अधिक शेयर करेंगे.

    जब भी कभी आप, शेयर बाज़ार में निवेश करने के बारे में सोचते हैं, तो हमेशा एक अच्छा वित्तीय सलाहकार आपको आपके निवेश की यात्रा की शुरुआत म्यूचुअल फंड्स से करने को कहेगा क्योंकि म्यूचुअल फंड्स के पास आपके पैसे के कुशल प्रबंधन के लिए एक फण्ड प्रबंधक (Fund Manager) होता है, जो आपके पैसों को समझ-बूझकर, इस तरीके से लगता है या निवेश करता है कि आपको कम से कम नुकसान हो और अच्छा रिटर्न भी मिल सके। अगर आप शेयर बाजार में निवेश की बारीकियां सीखना चाहते हैं, तो भी शुरू में आपको कुछ समय के लिए म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाकर, पैसों के बढ़ने-घटने की प्रक्रिया को समझना चाहिए।

Mutual Fund क्या होता है?




    Mutual Fund का हिंदी शाब्दिक अर्थ सामूहिक निधि है. इसका अंग्रेज़ी नाम अधिक प्रचलन में है. इसमें लोगों के समूह द्वारा एकत्र की गयी राशि को, फंड प्रबंधक द्वारा शेयर, अल्प अविधि के निवेश या अन्य प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है और लाभ व हानि का हिसाब रखता है, उसे आगे यूनिट धारकों (Unit Holders) में बाँटता है. जो लोग शेयर बाज़ार की अल्प जानकारी रखते हैं अथवा नहीं भी रखते हैं, उनके लिए निवेश को सरल व सुलभ Mutual Fund द्वारा बनाया गया है. भारत में बचत व निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) के तत्वधान से यूनिट ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (UTI) द्वारा सन् 1963 में भारत की पहली Mutual Fund स्कीम को जारी किया गया था. Mutual Fund स्कीम एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) द्वारा सभी निवेशकों की निवेश राशि को एकत्र किया जाता है और इस राशि को बाज़ार में निवेश किया जाता है. निवेशकों को अपने निवेश की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं होती क्योंकि यह चिंता फंड मैनेजर की होती है। निवेश करने वाले लोगों के पैसों को कहां और कैसे निवेश किया जाना है, यह निर्णय वित्तीय विशेषज्ञों (Financial Experts) की टीम करती है। इस टीम का एक टीम लीडर होता है जिसे फंड मैनेजर कहते हैं जिसके अधीन पूरी टीम काम करती है। इस टीम में मनी मार्किट और शेयर मार्किट की अच्छी समझ रखने वाले पेशेवरों को रखा जाता है. जो बाज़ार में अपने अनुभव के आधार पर आगे की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए लोगों के पैसों का इस तरह से निवेश करते हैं कि उससे लोगों का नुकसान को कम से कम किया जा सकें और उन्हें अच्छा रिटर्न मिल सके। 

    Mutual Fund में दो प्रकार से निवेश किया जा सकता है; पहला सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) और दूसरा एक मुस्त अथवा लमसम. दोनों तरह की स्कीमों को रु. 100 मात्र से शुरू किया जा सकता है. HDFC और DSP म्यूचुअल की स्कीम रु. 100/- मात्र से शुरु की जाने वाली स्कीम है. Mutual Fund की प्रत्येक इकाई की कीमत नेट ऐसेट वैल्यु या NAV कहलाती है। इसकी आंकलन फंड के कुल मूल्य को निवेशकों द्वारा खरीदे गए कुल इकाईयों की संख्या से भाग देकर ज्ञात किया जा सकता है.


Mutual Fund कितने प्रकार के होते हैं?

Mutual Fund स्कीम के कुछ मुख्य प्रकार ये हैं:

·         Equity Mutual Fund : इक्विटी Mutual Fund वे Mutual Fund स्कीम होती हैं जिनमें पैसा को फंड प्रबंधक द्वारा सीधे शेयरों में लगया जाता है. इक्विटी Mutual Fund निम्न प्रकार के हो सकते हैं : लार्ज कैप, मिड कैप, स्माल कैप, ELSS (Equity Linked Saving Scheme), लार्ज एंड मिड कैप, फ्लेक्सी कैप, मल्टी कैप, सेक्टोरल/थीमेटिक और डिविडेंड यील्ड स्कीम. इक्विटी Mutual Fund सबसे जोख़िम भरी स्कीम होती है, पर इसमें सबसे अधिक प्रतिफल मिलने की संभावना भी होती है.

·         Debt Mutual Fund : डेब्ट Mutual Fund स्कीम वे Mutual Fund स्कीम होती हैं जिनका पैसा उधार दिए जाने वाले बांड और प्रतीभूतियों में लगाया जाता है. मुख्यतः ये पैसा कॉर्पोरेट बांड, मनी मार्किट, छोटी मध्य और बड़ी अवधि के ऋण, बैंकों-सरकरी उपक्रमों को ऋण देने में लगाया जाता है. इसमें स्कीम में इक्विटी स्कीम की तुलना से कम जोख़िम होता है और एक निश्चित प्रतिफल मिलता हैं.

         Hybrid Mutual Fund: हाइब्रिड Mutual Fund स्कीम वे स्कीम होती है जिसका कुछ हिस्सा इक्विटी और कुछ हिस्सा डेब्ट में निवेशित होता है. ये इक्विटी स्कीम से कम जोख़िम भरी होती है मगर इनमें डेब्ट स्कीम से ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता होती है.

            Solution Oriented Scheme : लक्ष्य साधित स्कीम वे स्कीम होती है जो निवेशकों को उनके वित्तीय लक्ष्य की प्राप्ति में मदद करती हैं. ये स्कीम मुख्यतः रिटायरमेंट, बच्चों की उच्चतर शिक्षा, बेटिओं की शादी आदि के समय पैसों की जरुरत को पूरा करने के उद्देशय से बनाई जाती हैं. 

 

·        Funds of Fund : इन Mutual Fund स्कीम में पैसे का निवेश अन्य अच्छा रिटर्न देने वाली Mutual Fund स्कीम में किया जाता है. इस स्कीम में जोख़िम बहुत कम होता है और 15% तक के वार्षिक रिटर्न मिलने की संभावना होती है.

·        Index Scheme : सूचकांक स्कीम उन विशेष शेयरों में ही निवेश करती है जो किसी विशेष इंडेक्स का हिस्सा होते हैं। यदि संबंधित सूचकांक ऊपर जाता है तो निवेशक फायदे में रहते हैं। सूचकांक स्कीम निम्न सूचकांकों पर आधारित हो सकते हैं. निफ्टी 50 सूचकांक, बैंक निफ्टी सूचकांक, आई टी सूचकांक, एनर्जी सूचकांक, फार्मा सूचकांक, इंफ्रा सूचकांक, अफ़ एम सी जी सूचकांक, कोमोडिटी सूचकांक और ऑटो सूचकांक.

Mutual Fund में कैसे करें निवेश?

Mutual Fund में निवेश करना बहुत सरल है. आप अपने डीमेट खाते से सीधे निवेश कर सकते हैं अथवा आप किसी बैंक या ब्रोकर के द्वारा Mutual Fund स्कीम में SIP या Lum sum निवेश कर सकते हैं. आप इस लिंक के माध्यम से भी अपना खाता खोलकर निवेश कर सकते हैं.

Link :  https://zerodha.com/?c=XB0172&s=CONSOL

 

1 साल में Mutual Fund कितना रिटर्न देता है?

    यदि कोई Mutual Fund स्कीम एक वर्ष में 15% या उससे अधिक का रिटर्न देती है तो उसे एक अच्छी स्कीम माना जाता है. Mutual Fund स्कीम उसमें निहित जोख़िम के आधार पर रिटर्न देती है जैसे एक लार्ज कैप स्कीम अथवा ब्लू चिप स्कीम में जोख़िम कम होता है तो इसमें रिटर्न भी 10 से 15% तक का ही मिलता है, वही इसकी तुलना में मिड कैप स्कीम में थोड़ा जोख़िम अधिक होता है तो इनमें रिटर्न भी 15 से 20% तक मिलता है जबकि सबसे अधिक जोख़िम स्माल कैप में होता है और इसमें रिटर्न की प्राप्ति भी 15 से 25% तक होती है. पिछले एक साल में HDFC Small Cap Growth Fund ने अपने निवेशकों को 45 से 50% तक के रिटर्न दिए हैं.

Mutual Fund के फायदे क्या है?

    विविधता :  Mutual Fund स्कीम भिन्न-2 प्रकार की होती है और आप अपनी सहूलियत, समझ और पसंद के अनुसार इक्विटी, डेब्ट और हाइब्रिड फण्डों में निवेश कर सकते हैं.

    तरलता : आप अपनी आवश्यकता अनुसार अपने Mutual Fund की कुछ यूनिट या पूरी यूनिट को रिडीम कर सकते हैं और अपना समस्त पैसा 5 दिन के भीतर अपने बैंक खाते में प्राप्त कर सकते हैं.

    छोटी मात्रा में निरंतर निवेश करके आप बड़ा पैसा बना सकते हैं. उदहारण के लिए यदि आप रु.1500 प्रति माह एक ऐसी Mutual Fund स्कीम में लगाते हैं जो 15% का रिटर्न देती है और यह निवेश अगर आप 30 वर्षों तक बनाए रखते हैं तो आपको 1 करोड़ 5 लाख 14 हज़ार 731 रुपए मिलेंगें. जिसमें आपका निवेशित राशि मात्र 5 लाख 40 हज़ार होगी और चक्रवृद्धि ब्याज 99 लाख 74 हज़ार 731 रुपए होगा. इस प्रकार आप निरंतर निवेश करके करोड़पति भी बन सकते हैं.

 

Mutual Fund सबसे अच्छा कौन सा है?

Mutual Fund स्कीम को उसके द्वारा दिए जाने वाले रिटर्न के आधार पर अच्छा या बेकार कहा जा सकता है. इस आधार पर लार्ज कैप के सबसे अच्छी स्कीम Nippon India Large Cap Fund(NAV-68.208) है. जिसने पिछले एक वर्ष में निवेशकों को 29.14% प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है. वही मिड कैप श्रेणी में HDFC Mid-Cap Opportunities Fund(NAV-130.719) है जिसका रिटर्न 39.25% है जबकि स्माल कैप केटेगरी में HDFC Small Cap Fund (NAV-107.335) है जिसका रिटर्न 43.71 % है.

एसेट मैनेजमेंट कंपनी क्या होती हैं?

    ये वे कंपनियाँ होती है जो Mutual Fund चला रही होती हैं. इनके आकार का अंदाज़ा इनके एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) से लगाया जा सकता है. भारत की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) SBI Mutual Fund है जिसका एसेट अंडर मैनेजमेंट Groww.in के अनुसार रु. 7,00,990.72 करोड़ है. ये कंपनियाँ सेबी द्वारा पंजीकृत होती हैं. इन कंपनियों का मुख्य काम ही लोगों के पैसों को निवेश को स्वीकार करना, Mutual Fund स्कीम बनाना और मार्किट में निवेश कर अच्छा रिटर्न दिलाना होता है.

पाठक कृपा ध्यान दें: इस ब्लॉग में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए है और निवेश के बारे में पूर्ण जानकारी प्रदान नहीं करती है। निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार या वित्तीय निवेश के विशेषज्ञ से परामर्श लें।

 

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